Yun Hi Koi Mil Gaya Podcast Por Meeta Gupta arte de portada

Yun Hi Koi Mil Gaya

Yun Hi Koi Mil Gaya

De: Meeta Gupta
Escúchala gratis

मां भगवती के आशीर्वाद स्वरुप अपनी पहली वाचक प्रस्तुति,अपने पॉडकास्ट ‘यूँ ही कोई मिल गया’ को आपके समक्ष प्रस्तुत कर रही हूं। समय-सरिता के अजस्र प्रवाह में बहते जीवन के अनुभवों और अनुभूतियों को मैंने अपने पॉडकास्ट में समेटा है। कभी मुझे प्रेम रसायन मिल गया और कभी प्रेम की समग्रता, कभी रंगरेज़ा की बात चली और कभी रब के खो जाने की... अंत में मीत बन कर यही कहती हूं कि जीवन के इन सुंदर अनुभवों के लिए उन सभी को धन्यवाद, जो मुझे जीवन-पथ पर यूँ ही मिल गए, मिलते ही जा रहे हैं और आशा है कि भविष्य में भी मिलते रहेंगे...Yun hi Koi Mil Gaya Podcast Ciencias Sociales
Episodios
  • EP 21- जाने किस आँच में शबनम जलती है
    Nov 15 2024
    मुझे लगता है कि दिनभर अपने झमेलों में उलझा आसमान रात को समय चुरा कर अपनी धरती को प्रेम-पत्र लिखता होगा। इन हरी पत्तियों और रंगीन फूलों पर हज़ारों चिट्ठियाँ लिख जाता होगा और अपने अव्यक्त प्रेम को इन प्रेम पत्रों में हज़ारों हज़ार ख्वाहिशें, हज़ारों उम्मीदें, हसरतें, मनुहार और आभार व्यक्त करता होगा..जो चाहे […]
    Más Menos
    Menos de 1 minuto
  • EP 20- तेरा मुझसे है पहले का नाता कोई
    Oct 30 2024
    सुना है, कहीं दूर रेगिस्तानों में रेत की नदियाँ बहती हैं। रेत के झरने बहते हैं। बवंडर उठते हैं, रेत के तूफ़ान क़यामत ढाते हैं।क्या रेत की फ़ितरत बूंदों की तरह है? बूँदें भी तो तूफ़ान उठा देती हैं। बूँद में समंदर समाया है या समंदर में बूंद? उसी तरह रेत में रेगिस्तान समाया है […]
    Más Menos
    Menos de 1 minuto
  • EP 19- तेरा ज़िक्र है या इत्र है
    Oct 15 2024
    चंदन के पेड़ आग में जलाने के लिए नहीं होते। वे तो अनमोल खुशबू हैं, उसे संजोना होता है मन की गहराइयों में। सच्चे रिश्तों की खुशबू कभी नहीं जाती। वो आपका पीछा नहीं छोड़ती। पत्ती-पत्ती झड़ जाती है लेकिन खुशबू चुप नहीं होती, बशर्ते आप उसे सुन सकें…..महसूस कर सकें। जब-जब ज़िक्र होगा उस […]
    Más Menos
    Menos de 1 minuto
Todavía no hay opiniones