किताब किस्से और कहानियाँ: एनिमल फार्म। kitab, kisse aur kahaniyan: Animal Farm  Podcast Por  arte de portada

किताब किस्से और कहानियाँ: एनिमल फार्म। kitab, kisse aur kahaniyan: Animal Farm 

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रूसी क्रांति के दो दशक बाद जब साम्यवाद या कम्युनिज्म का प्रसार पूरी दुनिया में होने लगा और अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिमी यूरोप के देशों ने उसे रोकने की कोशिश की तो ये संघर्ष हर स्तर पर शुरू हो गया।  सामरिक, आर्थिक, भौतिक, राजनैतिक और सामाजिक स्तर के साथ साथ शिक्षा, साहित्य, फिल्म और संस्कृति पर भी इस शीत युद्ध का असर देखने को मिलने लगा।  एक तरफ अमेरिका था और दूसरी ओर रूस के नेतृत्व में सोवियत संघ।  दोनों के बीच गज़ब की लागडाँट थी।  करीब 45 वर्ष चले इस संघर्ष में दोनों महाशक्तियों ने एक दूसरे पर एक गोली भी नहीं चलाई पर अंत में सोवियत संघ टूट गया।  इसी संघर्ष की शुरुआत में अँगरेज़ लेखक जॉर्ज ऑरवेल ने एनिमल फार्म नाम का एक उपन्यास लिखा।  इस उपन्यास में उन्होंने साम्यवादियों के चरित्र, उनकी नीचता और उसके परिणाम की कहानी लिखी।  इसमें जानवरों के माध्यम से कहानी कही गई और प्रतीकात्मक रूप से साम्यवादियों को सूअर प्रजाति का दिखाया गया। ये उपन्यास बहुत चर्चित हुआ और जब सोवियत संघ का विघटन हुआ तो लोगों ने एक बार फिर इसे पढ़ा और वे हैरान रह गए की जैसे ओरवेल ने इसके पतन की बात लिखी थी वैसे ही ये पतन असल में हुआ।  एकदम किसी निर्देशक द्वारा लिखी गई पटकथा की तरह। इसने जॉर्ज ओरवेल को लेखक के साथ साथ भविष्यद्रष्टा की पंक्ति में लाकर खड़ा कर दिया।   


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